आप का हर एक लफ्ज़ सच्चा लगता है
कर चुके है तय सफ़र बहुत कुछ मगर
ये दिल हमे आज भी बच्चा लगता है|
रोज होते है रूबरू नयी कश-म-कश से हम
है तजुर्बा वो भी हमे कच्चा लगता है |
रात हो चली हो राह में फिर भी मगर,
ये आपका साया भी धूप सा लगता है|
है शिकायत कि बाटते नहीं गम हम कभी
क्या करे रोना भी हमे न अच्छा लगता है|