बहुत हसरते है दिल में, बहुत से है राज़, तुमसे कुछ नया, कुछ बीता कहूँ|
अपने कान नहीं दिल खोले रखना, चलो आज एक मेरी कविता कहूँ||
कुछ इन फूलो की, कुछ नदियों की और कुछ, बीती हुई सदियों की|
मेरे शब्दों की सरिता कहूँ, चलो आज एक मेरी कविता कहूँ||
कुछ प्यारे लम्हों की, कुछ गम के नगमो की, कुछ ऊँची कुछ नीची|
मेरे जीवन की कलिका कहूँ, चलो आज एक मेरी कविता कहूँ||
कुछ देवो की कुछ दानव की कुछ मनु और मानव की|
मेरी ओर की समिधा कहूँ, चलो आज एक मेरी कविता कहूँ||
©२००९ दीप्ती
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manbhavan.narayan narayan
ReplyDeleteyaar kahan se laati ho.. amazing feelings nad words n expressions..
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