Friday, June 12, 2009

aankhe

my dear friends
thanks for reading my blog, you know it is so exciting and encouraging. So today there is some lines on eyes आँखे

आँखे

आँखों से ही हंस लो तुम, आँखों से ही रोलो,
यें सब कुछ कह देती है चाहे तुम न बोलों

कोई अच्छा लगता है तो पीछे पीछे भागे,
उनकी यादों में यें ही रतिया रतिया जागे

यें डगाबाज ही तो इज़हार कर देती है,
उनकी आँखों से यें ही सारी बातें कर लेती है

कभी जो दर्द हुआ अपने दिल में कोई,
यें ही तो बेचारी रात रात भर रोई

गर रखे है कई गम तुमने अपने सीने में,
इसको भी गुमान नही अपने आंसू पीने में

इंतज़ार में सदा इसको रहती बेताबी है ,
तकते रहना राहे, इसकी एक खराबी है

गम यदि चाहे आप होटों से छुपाना,

इसकी एक बुरी आदत है यु सबको बताना

keep sending comments and you can request any subject on which you want me to write.

2 comments:

  1. aapne aankho ke afsano ko lafjo me kya piroya hai,
    dil ye hamara agli kavita ki aas me khoya hai.

    aankhe bas ab is blog par tiki hai,
    kab aaye agli kavita jise dekh dil kahe ab meri pyas miti hai.

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  2. thnaks dear
    will write more better for you

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