Thursday, June 11, 2009

कुदरत

सुबह भी अनमोल हैं, रात भी अनमोल,
सूरज भी अनमोल हैं, चाँद भी अनमोल|
सारे रंग ,सारे रूप हैं निराले,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल ||

उगते सूरज की लाली हों, या चाँद की चांदनी,
हर रूप हैं उज्जवल, हर रूप मोहिनी|
रौशनी का इनसे ये साथ हैं अनमोल ,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल ||

सुर्ख फूल हैं गुलशन की दौलत,
महके हैं फिजा इन्ही की बदौलत |
ज़मी को मिली यें सौगात हैं अनमोल,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल ||

कंही पर्वतो के बीच से नदियाँ निकलती,
और जाके गहरें सागरों में मिलती |
ये प्रीत निराली, ये जज्बात हैं अनमोल,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल ||

उड़ने के लिए गगन मे, पंछी को पर दिए,
रहने के लिए उनको पेड़ो में घर दिए|
चहचहाते इन परिंदों की मुलाकात हैं अनमोल,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल||

इस कुदरत को उस खुदा ने रचा,
इसीलिए इसमे हर रंग है सजा|
इस तस्वीर को बनाते वो हाथ है अनमोल,
इस कुदरत की सब बात है अनमोल ||

©2009 दीप्ती

29 comments:

  1. nice poem dear.... kidhar se churaya????? hee hee hee
    really... the poetess Dipti comes alive on her blog!!!!

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  2. Hey,

    beautiful thoughts, keep it continue.

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  3. Anonymous12/6/09

    nice post !!! didn't know u write poems.
    keep writing

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  4. heyy dear its really a nice poem....didn't know that u have this quality also... Keep it up....

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  5. dear friends thanks to have this much patience to read me. I will to try to write better and better.

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  6. kudrat aur uski rachna ko samajhne ki achchhi koshish hai !

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  7. बहुत अच्छी कविता.....लिखते रहिये...

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  8. Anonymous14/6/09

    sundar

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  9. Anonymous14/6/09

    sundar

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  10. अच्छी कविता.

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  11. कुदरत के हर चीज को बतलाया अनमोल।
    हँसी की भी कीमत नहीं मीठे संग में बोल।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.

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  12. प्रकृति के अनुपम सौंदर्य को रेखांकित करती हुयी
    पठनीय कविता !!


    सार्थक रचना !

    हार्दिक शुभकामनाएं !!!


    कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें ! लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है। इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !

    तरीका :-
    डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स

    आज की आवाज

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  13. एक अच्छी शुरुआत.... ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है...
    भावनाओं की बर्फ जब-जब पिघलती है...
    शब्द पानी बन के दरिया सी बहती है ...
    यूं ही लिखते रहिये.....

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  14. acha chitra khincha hai..prakriti anmol hai
    acha laga

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  15. स्वागत है.शुभकामनायें.

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  16. aapki kavita bhi hai anmol !
    badhaai !

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  17. kudarat hee hai jo hamko sachcha aanand pradan karti hai. narayan narayan

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  18. very nice....likhte rahiye..

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  19. उड़ने के लिए गगन मे, पंछी को पर दिए,
    रहने के लिए उनको पेड़ो में घर दिए|
    चहचहाते इन परिंदों की मुलाकात हैं अनमोल,
    इस कुदरत की सब बात है अनमोल

    Sach kahaa...ye kudrat anmol hai......sab ko uske hisaab se deti hai, hum log apna apna kah kar doosre ka bhi loot lete hain.......lajawaab likha hai, swagat hai apka

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  20. Hi Dipti,
    Aapki kavita---Anmol hai, Anmol hai, Anmol hai, Anmol hai, Anmol hai...Aur kya kahun...

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  21. blog jagat men aapke swagat ke saath , humne maana aapki ye pahli kavita hai anmol.

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  22. बहुत अच्छी कविता.....लिखते रहिये...

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  23. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
    गार्गी

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  24. Mere comment ke pehlehee any bloggers sab kuchh keh gaye hain...!
    Meree orse anek shubhkamnayen!

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  25. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका हार्दिक स्वागत है......

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  26. Hey im just... speechless.... that is another master piece frm poetess dipiti di

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  27. Anonymous1/6/14

    Nice poem.Helped me in my holidayhomework :P

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