Monday, June 29, 2009

मेरे प्रिय ब्लॉग पड़ने वाले मित्रो, आज मैं कुछ पंक्तिया उस नजराने के बारे में लिख रही हु जो इश्वर ने हम सबको दिया है, आप सब की ओर से समीक्षा चाहूंगी।


मुस्कराहट

इसके बिना हर चेहरे की खूबसूरती अधूरी है

कहते है ये हो तो , प्यार की मंजूरी है


'उनकी' बात आते ही ये चेहरे पर छा जाती है

हो ख़ुशी की बात तो झट होटों पर आ जाती है

ये साथ हो तो अपनी मुलाकाते पूरी है

कही ये मुख पर सजाना लोगो की मजबूरी है

आँखे गर इनका साथ दे तो क़यामत होती है

ये गायब हो जाती है, जब जब आँखे रोती है

इसके बिना तो अपनी, ज़िन्दगी आफत होगी

जीतेगा वही जिसके पास ये 'मुस्कराहट' होगी


©2009 दीप्ती

1 comment:

  1. and ise pad kar mai bhi muskurane lagi... :-)

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